मुंगेर (MUNGER) :रहमानी फाउंडेशन मुंगेर में स्वतंत्रता संग्राम में उर्दू की भूमिका विषय पर लेख प्रस्तुति एवं मुशायरा का आयोजन किया गया.जिसकी अध्यक्षता अमीरे शरियत हजरत मौलाना वली रहमानी ने की।
उनके हाथों से 5 किताबों का भी लोकार्पण किया गया कार्यक्रम में कॉमर्स कॉलेज पटना से उर्दू विभाग के अध्यक्ष सफ़दर इमाम कादरी,जिला परिवहन पदाधिकारी रमाशंकर, प्रोफेसर इकबाल हसन आजाद, प्रोफेसर शब्बीर हसन ने मुख्य रूप से भाग लिया.मौलाना वली रहमानी ने कहा कि उर्दू शायरों और अदबीयों कलम कारों की आजादी को जद्दोजहद में किरदार को बयान करने के लिए दफ़्तर चाहिए. दुख की बात है कि हमारी इस तरफ भरपूर तवज्जो नहीं हुई।
उर्दू के एहसान को आज छुपाया जा रहा है मुल्क की आजादी और इसकी ताबीर व तरक्की में इसका किरदार काबिल फरामोश रहा. जरूरत है कि हम उर्दू को पढ़े पढ़ आएं और अपनी नस्लों को इस जुबान से वाकिफ कराएं उन्होंने कहा कि इस जुबान को मिटाने और खत्म करने की साजिश हो चुकी है।
नई शिक्षा नीति के जरिए धीरे-धीरे इस जुबान को खत्म कर दिया जाएगा इसलिए एक जिंदा कौम की तरह अपनी जुबान की हिफाजत के लिए अभी से तैयार रहना चाहिए. सफदर इमाम कादरी ने कहा कि उर्दू जुबान स्वतंत्रता संग्राम में कारगर हथियार बन कर इसलिए सामने आई कि इसमें लोगों को जोड़ने और अपनी तरफ आकर्षित करने की सलाहियत मौजूद है यह भाषा शिक्षाविद संतो साहित्यकारों कवियों और स्वतंत्रा सेनानी पर प्रभावी रही।
आजादी के शहीदों में उलेमाओं का असर ज्यादा नजर आता है इसलिए उन्होंने अपने भाषा संस्कृति और कल्चर से समझौता नहीं किया. रहमानी फाउंडेशन जो उर्दू के लोगों को तेज करने में लगा है जिला परिवहन पदाधिकारी रमाशंकर,प्रोफेसर शब्बीर हसन,प्रोफेसर शहजाद,अंजुम बुरहानी ने कहा कि उर्दू एक इंकलाबी जमीन है इसमें आज भी लोगों में इंकलाब पैदा करने की सलाहियत मौजूद है।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में अनिरुद्ध सिन्हा, डॉक्टर राम बहादुर चन्दन, मोहम्मद सिद्दीकी, प्रोफेसर शहजाद, अंजुम बुरहानी, विकास कुमार सिन्हा,प्रोफेसर राशिद तराज ने अपनी अपनी गजलों और नज्में सुनाकर लोगों का दिल जीत लिया।
ब्यूरो रिपोर्ट अभिषेक कुमार मिश्रा मुंगेर