मोतिहारी (MOTIHARI) :  एक महिला नजीर बनी है ,आपदा को अवसर में बदलने की कहानी तो आपने सुनी होगी लेकिन आज हम आपको इसका जीता जागता उदारहण दिखला रहे हैं ।सुनकर तो आपको बिश्वास नही होगा लेकिन ये सच्चाई है ,,की मोतिहारी की एक महिला ने आपदा को अवसर को बदल कैसे एक नजीर पेश कर रही है ।

आज कमा रही है पैतीस से चालीस हजार महीना

मसरूम के साथ जैविक खाद का भी शुरू कर चुकी है रोजगार

कोरोना में बेरोज़गार हुई औरत आज दे रही है चार से पांच लोगों को रोजगार

लॉक डाउन में बड़ी कंपनी के एच आर की छुटी नौकरी
आर्थिक तंगी की शिकार महिला ने महज 400 रूपये से शुरू किया मसरूम का रोजगार

कोरोना काल मे जहां लाखो लोग काल के गाल में समा गए लाखो लोग सड़क पर रहने को मजबूर हो गए ,हज़ारो हज़ार लोग बेघर हो गए व लाखो लोगों की रोजी रोटी छीन गयी उसी में से एक थी मोतिहारी की महिला बेगम जो कोरोना से पहले पटना में एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्य करती थी ,व एक खासा रकम पाकर अपना व अपने परिवार का जीवन यापन करती थी ,,कोरोना काल मे लॉक डाउन के बाद इस महिला की नौकरी छीन गयी ।

स्थिति ऐसी थी कि पांच बहनो व एक भाई सहित मां बाप के सामने भुखमरी की समश्या खड़ी हो गयी ,कोई सहारा नही न कोई देखने वाला न कोई सुनने वाला ,एक महिला के सामने उसका इतनी बड़ी समस्या थी कि जिसकी कल्पना कोई नही कर सकता ।इसी बीच बस से यात्रा करते समय पूसा यूनिवर्सिटी के कुछ लोगो से इसकी मुलाकात हुई व इस पीड़ित महिला को इनलोगों ने मसरूम की खेती करने की सलाह दी ।

फिर क्या था डूबते को तिनका का सहारा ,जुनैद बेगम ने अपने दृढ़ इच्छा शक्ति व बुलंद हौसले के सहारे मात्र चार सौ रुपये से मसरूम की खेती प्रारम्भ की व देखते देखते उस चार सौ रुपये की लागत आज हज़ारो में चली गयी है आज स्थिति ये है कि जैनुद बेगम आज प्रतिमाह पैतीस से चालीस हजार रुपये की कमाई कर रही है व आश्चर्यजनक ये भी है कि आज जैनुद नेशा के पास मसरूम बेचने के लिए नही बच रही है क्योंकि इन्होंने उच्च क्वालिटी के इतना बढ़िया मसरूम की खेती की है कि आज इनके पास डिमांड ही डिमांड है ।

एक मल्टीनेशनल कंपनी वाली ये वही महिला है जिसे कोरोना जैसी महामारी ने बेघर तो किया ही था ,साथ मे इस बेचारी का रोज़ी रोटी भी छीन लिया था ।

लेकिन इस महिला ने हिम्मत नही हारी व अपने दृढ़ इच्छा शक्ति की बदौलत इसने इसी छोटे से कमरे में मसरूम की खेती करना शुरू कर दी और आज हज़ारो हज़ार की कमाई कर जिले के लिए मुरीद बन चुकी है । यहां हम आपको बता दे कि जिस महिला को कोरोना काल मे एक अदद नौकरी के लिए दर दर की ठोकडे खाती थी आज इसी छोटे से कमरे में पांच छ लोगो को रोजगार भी दे रही है ।

वही जैनुद ने सिर्फ इस मसरूम की खेती पर निर्भर नही रहना चाहती है बल्कि इस महिला का सपना है कि चंपारण के इस मसरूम का इंटर नेशनल लेवल पर प्रोजेक्शन हो व इस मसरूम से टॉफी सहित अन्य उत्पादों की एक रेस्तरॉ तो हो ही साथ मे इसका नेपाल सहित अन्य देशों में इसका एक्सपोर्ट इम्पोर्ट का कारोबार हो ।

वही इस महिला को अपनी जगह व अपना मकान देने वाले इस समाजसेवी को भी इसके सफलता का श्रेय जाता है ,जिसने बिकट परिस्थिति में इसकी मदद की ।

MOTIHARI REPORTER DHARMENDRA

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